” स्कूल के कपी किताब ”
” आ जिनगी के हिसाब किताब मे नु बड़ा अंतर होला ” ।
इ बात बिना उमिर भइले केहु के कहा बुझाइ !!
कि माई अब आखिर डाटेले काहें ना
अउरी बाबुजी अब बोलस काहे ना !! …..
समझदारी बड़ा बाउर चीज ह !!….
जेके समझदारी आ जाए नु !!
लोग ओके सम्झल छोड देला !!
जिनगि के मोड जइसे जइसे आई !!
कुछ मिलत जाई ,कुछ छुटत जाई …
बाबुजी अब डाटेले काहे ना !!!
✍️ जोतीलाल पंडित